अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नए आदेश के बाद USAID (यूएस एजेंसी फॉर इंटरनैशनल डिवेलपमेंट) ने भारत में अपने सभी प्रोजेक्ट्स पर रोक लगा दी है। इससे स्वास्थ्य, शिक्षा, लैंगिक समानता और जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले संगठनों में चिंता बढ़ गई है। USAID 90 दिनों तक मौजूदा अनुदानों की समीक्षा करेगा। यह आदेश वैश्विक सहायता में कमी के समय आया है, जिससे NGOs की आर्थिक परेशानियां बढ़ सकती हैं।
USAID ने अपने सहयोगियों को निर्देश दिया है कि वे इस रोक के दौरान खर्च कम से कम करें। इस निर्देश में साफ तौर पर कहा गया है, 'समझौता अधिकारी से लिखित में सूचना मिलने तक प्राप्तकर्ता इस समझौते के तहत कामफिर से शुरू नहीं करेगा।' डिवेलपमेंट सेक्टर से जुड़े सूत्रों के अनुसार, यह 'काम बंद' आदेश 90 दिनों की अवधि के साथ आया है। इस दौरान मौजूदा अनुदानों की समीक्षा की जाएगी।
USAID की वेबसाइट के अनुसार, जनवरी 2021 तक एजेंसी 6 राज्यों में माता और शिशु स्वास्थ्य पहल को सपोर्ट कर रही थी। इसका ध्यान मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने पर था। यह कई शहरों में सुरक्षित पेयजल, स्वच्छता और स्वच्छता तक पहुंच बढ़ाकर स्वास्थ्य में सुधार के लिए पहलों को भी वित्त पोषित कर रहा था। इसके अलावा, यह लिंग आधारित हिंसा को रोकने और दिव्यांग आबादी की रक्षा और सहायता करने वाले कार्यक्रमों का समर्थन करने के लिए राज्यों और निजी एजेंसियों के साथ साझेदारी कर रहा था।
भारत में USAID का प्रभाव अपेक्षाकृत छोटा है। लेकिन इस रोक से स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है। USAID के फंड ने जमीनी स्तर के काम को तकनीकी सहायता प्रदान की है।